दहेज प्रथा सामाजिक अभिशाप है- संत रामपाल जी महाराज
आज रामवाटिका मेरिज लान लखीमपुर में जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का विशाल सत्संग सम्पन्न हुआ जिसमे जनपद लखीमपुर खीरी के गांव-गांव से संत रामपाल जी महराज के हजारों अनुयायियो ने भाग लिया। सन्त रामपाल जी ने बताया कि इस लोक में आने से पहले हम सभी आत्मायें अपने परमेश्वर कबीर साहेब के

दहेज प्रथा सामाजिक अभिशाप है- संत रामपाल जी महाराज
आज रामवाटिका मेरिज लान लखीमपुर में जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज का विशाल सत्संग सम्पन्न हुआ जिसमे जनपद लखीमपुर खीरी के गांव-गांव से संत रामपाल जी महराज के हजारों अनुयायियो ने भाग लिया। सन्त रामपाल जी ने बताया कि इस लोक में आने से पहले हम सभी आत्मायें अपने परमेश्वर कबीर साहेब के साथ सतलोक में रहा करते थे। सतलोक में किसी तरह का कोई दुख नही, सतलोक में सभी आत्माएं सभी बिना किसी ईर्ष्या, देष के रहते हैं सभी बेटी-बेटे परमात्मा कबीर साहेब की संतान है लेकिन समाज की देखा देखी दहेज रूपी दानव का प्रचलन हो गया जिसके कारण प्रति वर्ष दहेज लेनदेन करने के बाद भी हजारों बेटियों को प्रताणित किया जाता है कई बेटियां मजबूर होकर आत्महत्या कर लेती हैं उसके बाद दोनों परिवार मुकदमें में उलझे रहते हैं जबकि बेटी बेटा का विवाह साधारण रूप से बिना कोई ताम झाम, बिना रीति-रिवाज के करना चाहिए और जब वेटी-बेटा दोनों परमात्मा की शास्त्र अनुकूल साधना कर रहे होगें तो उन्हे किसी दान_दहेज की आवश्यकता नहीं और परमात्मा की भक्ति करके सुखमय जीवन यापन करेंगे। सभी को चाहिए कि अपने बेटे और बेटियों को परमात्मा कबीर साहेब की भक्ति करायें और सभी तरह की कुप्रथाएं त्यागकर सुखमय जीवन यापन करें
कबीर साहेब की भक्ति करने के बाद कबीर साहेब पाप कर्म भी काट देते हैं जिला कार्डिनेटर रविकुमार ने बताया कि जनपद लखीमपुर के गांव गांव में जगतगुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयाई है और सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा बताई गई शास्तानुकुल भक्ति करके अपना सुखमय जीवन यापन कर रहे है आज 1 जोडे का विवाह सन्त रामपाल जी महाराज के नियमानुसार बिना दान-दहेज, बिना कोई रीति रिवाज , बिना बारात के सम्पन्न हुआ दोनो पक्षों के परिवार जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महराज के गुण गान कर रहे हैं कि परमात्मा ने हम जीवों को शरण में लेकर शास्त्र अनुकूल साधना देकर सभी कुरीतियों से दूर कर दिया और हमारे बच्चे भी बहुत खुश हैं।
रिपोर्ट अमर सिंह मौर्य लखीमपुर खीरी