श्री बजरंग शुगर इंडस्ट्री गन्ना बेचने पर अपने ही पैसों के लिए दर-दर ठोकर खाने पर मजबूर किसान*
निघासन की समस्त क्रेसरों पर नगद भुगतान करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर आदेश आने से क्रेशर मालिक नगद भुगतान करना बंद कर दिए।

*निघासन खीरी*
*श्री बजरंग शुगर इंडस्ट्री गन्ना बेचने पर अपने ही पैसों के लिए दर-दर ठोकर खाने पर मजबूर किसान*
क्राइम संवाददाता मो,शाहिद
निघासन की समस्त क्रेसरों पर नगद भुगतान करने की प्रक्रिया शासन स्तर पर आदेश आने से क्रेशर मालिक नगद भुगतान करना बंद कर दिए। उस आदेश का किसानों के ऊपर गलत प्रभाव पड़ रहा है ये किसानों का कहना है किसान अपना क्रशरों पर गाना इसलिए भेजता था कि उसको अगर नगद पैसा मिल जाएगा तो वह अपना लेबर की छिलाई, गेहूं में खाद आदि अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए ही कम दामों में गाना क्रशरों पर बेचता था। सरकारी मिलों द्वारा कुछ दिन बाद पेमेंट मिलने से ही उनको यह कार्य अपनान पड़ता है। पर जब से शासन द्वारा यह आदेश चालू हो गया है की हर किसान के खाते में क्रेशर मालिक भी पेमेंट देंगे तब से क्रेशरो के भी चक्कर लगाने पर किसान मजबूर हो गया है अगर किसानों को नगद भुगतान की जरूरत भी होती है तो क्रेशर मालिक द्वारा उनका खाता लेकर उनके खाते में पेमेंट करने की बात कहते हैं। जिससे किसान अपनी जरूरत पर गन्ना बेचने के बावजूद पैसा पाने में देरी पता है। और अपनी जरूरत पूरी करने के लिए कई बार क्रेसर के चक्कर काटने पड़ते हैं।
इस संबंध में क्रेशर मालिक सुधीर कपूर का कहना है की जो आदेश जारी हुआ है उसे पर ही हमें कार्य करना पड़ेगा
वही किसान दिनेश कुमार का कहना है की मै लुधौरी का निवासी हूं कल मेरे घर में शादी है जिसको लेकर मैं क्रेशर पर गाना बेचा था पर यहां आने पर मुझे पता चला कि यह पैसा मेरे खाते में जाएगा। इस बात को लेकर मैं काफी परेशान हूं।