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गौशाला में सैकड़ों गायों की हुई मौत

अखंड लाइव न्यूज/उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी* जिले के तहसील निघासन क्षेत्र ग्राम पंचायत धर्मापुर पावरिया गांव में संचालित गौशाला में सैकड़ों गायों की हुई मौत, गौशाला प्रबंधन द्वारा मृत गायों को खुले में शव फिकवा दिए। जहां अब इन मृत गायों को जंगली जानवर व कुत्ते नोच-नौचकर खाएंगे। वही पूरे नाले में जगह-जगह गायों के मृत शरीर पड़ें नजर आ रहे हैं, जिससे साबित होता है कि इन्हें एक साथ लाकर यहां फेंका गया है. वहीं स्थानीय लोगों व में मवेशी चराने वाले लोगों की माने तो गौशाला में गायों की मौतों का यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन

गौशाला में सैकड़ों गायों की हुई मौत

 

*उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी* जिले के तहसील निघासन क्षेत्र ग्राम पंचायत धर्मापुर पावरिया गांव में संचालित गौशाला में सैकड़ों गायों की हुई मौत, गौशाला प्रबंधन द्वारा मृत गायों को खुले में शव फिकवा दिए। जहां अब इन मृत गायों को जंगली जानवर व कुत्ते नोच-नौचकर खाएंगे। वही पूरे नाले में जगह-जगह गायों के मृत शरीर पड़ें नजर आ रहे हैं, जिससे साबित होता है कि इन्हें एक साथ लाकर यहां फेंका गया है. वहीं स्थानीय लोगों व में मवेशी चराने वाले लोगों की माने तो गौशाला में गायों की मौतों का यह सिलसिला लंबे समय से चला आ रहा है, लेकिन आज देखा जाए तो करीब 150 से अधिक गायों की मौत ठंड व भूख से हुई है. वही अब उपजिलाधिकारी निघासन इस मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कर रहे है।गायों की मौत होने पर इसी प्रकार से गौशाला के संचालक मृत गायों के शवों को खुली जगह में फिंकवाते आये है. पर इस बार इतनी बड़ी तादाद में गायों की मौत ने इनकी पोल खोल कर रख दी है। वही अगर हम बजट और पैसों की बात करे तो इस गौशाला के संचालन में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा लाखों रूपया का अनुदान सहायता के रूप में तथा लाखों रूपये निजी तौर पर भी संचालकों द्वारा लोगो से जनसहयोग से एकत्रित किया जाता है। गायों की नहीं की जा रही है देखभाल गौशाला का यह हाल है कि गौ माता को विशेष दर्जा देने वाली भाजपा की ना केवल केंद्र बल्कि राज्य में सरकार है फ़िर भी प्रदेश में गौ माता और गौशालाओ के नाम पर संस्थाएं अनुदान राशियां तो ले रही है. पर गायों की कितनी देखभाल और सेवा कर रही है उसका अंदाजा गौशाला में पल रही गायों के कमजोर शरीर व खाने में सूखा भूसा को देखकर एवं खीरी जिले में हुई एक ही गौशाला में तकरीबन 150 इतनी बडी संख्या में गायों की मौतों से ही जाहिर हो जाता है। जबकि गौशालाओं में मृत गायों को इस तरह खुले में फेंकना कतई उचित नही है, नियमानुसार मृत गायों के शवों को जमीन में गड्ढा खोदकर समाधि खाद आदि डालकर दफनाना चाहिये.

®रिपोर्ट आर जे संतोष निघासन खीरी

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