झारखंड: कैश कांड मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, कांग्रेस विधायकों की याचिका पर फैसला सुरक्षित
झारखंड: कैश कांड मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, कांग्रेस विधायकों की याचिका पर फैसला सुरक्षित
झारखंड: कैश कांड मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, कांग्रेस विधायकों की याचिका पर फैसला सुरक्षित
(प्रसार संपादक शेखर गुप्ता)
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत में कैश कांड के आरोपित कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की याचिका पर सुनवाई हुई।
सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। तीनों विधायकों के खिलाफ सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए रांची के अरगोड़ा थाने में जीरो प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पाएगी कोलकाता पुलिस
कांग्रेस के ही विधायक अनूप सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसे कोलकाता पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया। जीरो प्राथमिकी दर्ज करने और उसे कोलकाता पुलिस को ट्रांसफर करने को तीनों विधायकों ने चुनौती दी है।
इस मामले में पूर्व में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को जांच जारी रखने की छूट तो दी है, लेकिन आरोप पत्र दाखिल करने पर रोक लगाई है।
विधायकों का कहना- प्राथमिकी का उद्देश्य स्पष्ट नहीं
विधायकों की ओर से कहा गया है कि प्राथमिकी का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है। इसमें सरकार को गिराने के लिए तीनों विधायकों पर पैसे लेने का आरोप लगाया गया है।
यह भी कहा गया है कि सूचक को ऐसी उम्मीद है कि सभी सरकार गिराने के लिए प्रयास कर रहे थे और उनसे भी इसमें शामिल होने को कहा गया था, लेकिन इसके समर्थन में कोई केस नहीं किया गया।
कोलकाता में पकड़े गए थे पैसे
एक योजना के तहत रांची में जीरो प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे कोलकाता स्थानांतरित किया गया। तीनों विधायकों को कोलकाता में पैसे के साथ पकड़ा गया था। ऐसे में रांची में जीरो प्राथमिकी दर्ज कर उसे कोलकाता स्थानांतरित करना नियम सम्मत नहीं है।
इसकी जांच उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आती है। इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि एक ही मामले में दो जगहों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा सकती है।
रांची में दर्ज हुए प्राथमिकी को कोलकाता स्थानांतरित कर दिया गया है। पूर्व में अधिकार क्षेत्र को लेकर कोलकाता हाई कोर्ट ने विधायकों की याचिका को खारिज कर दिया है। इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान तीनों विधायकों ने अरगोड़ा में दर्ज जीरो प्राथमिकी को कोलकाता पुलिस को स्थानांतरित करने को गलत बताते हुए इसे निरस्त करने का आग्रह किया है।