झारखंड: अपराधियों के लिए सेफ जोन है धनबाद का होटल और लाज, पुलिस बेखबर
झारखंड: अपराधियों के लिए सेफ जोन है धनबाद का होटल और लाज, पुलिस बेखबर
झारखंड: अपराधियों के लिए सेफ जोन है धनबाद का होटल और लाज, पुलिस बेखबर
(प्रसार संपादक शेखर गुप्ता)
धनबाद के होटल, लॉज और गेस्ट हाउस अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगार बन चुके हैं। मामले को लेकर कोई गंभीर नहीं है। कहीं बड़ी घटना के बाद अलर्ट जारी होने पर लॉज, गेस्ट हाउस और होटलों की जांच की जाती है।
कुछ दिन बाद गली-गली में चलने वाले गेस्ट हाउस लॉज की तरफ कोई सुरक्षाकर्मी जाना भी जरूरी नहीं समझता है। इसमें कई बड़े अपराधी छिपे होते हैं। बाहर की पुलिस जब धनबाद के होटलों में दबिश देती है, तो कई बड़े अपराधी पकड़े जाते हैं। पिछले साल बैंक मोड़ के एक होटल में कोलकाता दंगा के मुख्य दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके कुछ वर्ष पहले धनबाद जीआरपी ने पुराना बाजार के एक लॉज में छापेमारी कर आधा दर्जन अटैची लिफ्टर को गिरफ्तार किया था।
बैंक मोड़ को छोड़ अन्य थाना क्षेत्र के संचालक पुलिस को नहीं देते जानकारी
धनबाद जिला में दो सौ से ज्यादा लॉज, होटल व गेस्ट हाउस हैं। इसमें सबसे ज्यादा श्रमकि चौक (रांगाटांड़) बैंक मोड़, नया बाजार, हीरापुर, पुराना बाजार के अलावा शहर के विभिन्न इलाकों और गली मुहल्ला में होटल और लॉज हैं। साथ ही झरिया, चिरकुंडा, मैथन, कतरास और जीटी रोड में भी होटल, लॉज और गेस्ट हाउस खुले हैं। इनमें कभी-कभी ही स्थानीय पुलिस औचक निरीक्षण करती है। मोड़ थाना क्षेत्र में पड़ने वाले लगभग 50 से ज्यादा होटल व लॉज संचालक प्रतिदिन ग्राहकों की सूची पुलिस को उपलब्ध कराते हैं। वहीं धनबाद थाना क्षेत्र में लगभग 40 लॉज व होटल हैं। इनमें से सिर्फ छह ही ग्राहकों की सूची उपलब्ध कराते हैं। सरायढेला में एक दर्जन में दो से तीन होटल संचालक ही ग्राहक की सूची उपलब्ध कराते हैं।
नियम का होता है पालन, लेकिन लगातार नहीं
नियम है कि किसी भी होटल, लॉज या गेस्ट हाउस में रहने वाले व्यक्ति को बिना पहचान पत्र ( आधार, पैन, वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) के कमरा नहीं देना है। यदि किसी को कमरा पहचान पत्र लेने के बाद दिया जाता है तो उसकी पूरी डिटेल लोकल थाना में प्रतिदिन जरूर देनी है। लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता है। धनबाद के कुछ होटलों को छोड़ दें तो बाकी होटल, लॉज या गेस्ट हाउस स्थानीय थाना को अपने यहां रहने वाले लोगों की सूचना नहीं देते हैं। इसी का फायदा अपराधी उठाते हैं और इन जगहों पर रहते हैं। हां जब कोई बड़ी वारदात होती है, या कोई बड़ा अपराधी पकड़ा जाता है, तब पुलिस के साथ होटल, लॉज या गेस्ट हाउस वाले भी सक्रिय हो जाते हैं।
फ्लैट और किराया के मकान में भी शरण लेते हैं अपराधी
धनबाद में फ्लैट और किराया के मकान में अपराधी शरण लेते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह सहित चार लोगों के हत्याकांड के बाद पकड़ाये शूटरों से पता चला कि घटना के कई माह पहले से शूटर कुसुम विहार स्थित एक रिटायर साइंटिस्ट के घर में किराये के मकान में रहते थे। इसके अलावा भी कई बार बड़े अपराधी किराये के मकान और फ्लैट में पकड़े जा चुके हैं।
केस स्टडी
15 मार्च 2022 को दिल्ली पुलिस ने बैंक मोड़ स्थित एक होटल से 10 लाख रुपये के ठगी के दो आरोपी को होटल से गिरफ्तार किया था।
14 अक्तूबर 2022 को कोलकाता के इकबालपुर थाना क्षेत्र में हुई हिंसक झड़प व दंगा का आरोपी संजीत सिंह व शहबाज आलाम बैंक मोड़ के एक होटल से गिरफ्तार हुआ था।
3 सितंबर 2022 को धनसार स्थित गुंजन ज्वेलर्स डकैती कांड के आरोपी धनसार के गांधी नगर में किराये के मकान में ठहरे थे, इसके पहले वे लोग मैथन के एक लॉज में ठहरे थे।
21 सितंबर 2021 को धनबाद पुलिस ने बेकारबांध स्थित एक अपार्टमेंट में छापामारी करके एक दर्जन तेलंगाना के रहने वाले साइबर अपराधी पकड़े गये थे।
21 मार्च 2017 को पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में कुसुम विहार निवासी रिटायर साइंस्टिट के किरायेदार शूटर थे।