ममता के मात्र 3 फीसदी DA बढाने के ऐलान से कर्मचारी नाराज, कहा-नहीं चाहिए भीख
ममता के मात्र 3 फीसदी DA बढाने के ऐलान से कर्मचारी नाराज, कहा-नहीं चाहिए भीख
ममता के मात्र 3 फीसदी DA बढाने के ऐलान से कर्मचारी नाराज, कहा-नहीं चाहिए भीख
(प्रसार संपादक शेखर गुप्ता)
पश्चिम बंगाल के बजट में बुधवार को एक मार्च से 3 फीसदी डीए बढ़ाने का ऐलान किया, जिसे सुनने के बाद राज्य सरकार के कर्मचारियों में रोष के भाव अधिक हैं।
क्योंकि केंद्रीय संगठन केंद्रीय सरकार की दर से डीए की मांग कर रहे हैं। घोषित वृद्धि के बाद भी केंद्र की तुलना में 32 फीसदी का अंतर बना रहेगा। तृणमूल सरकारी कर्मचारी महासंघ के नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा, “राज्य ने 3 प्रतिशत डीए की घोषणा की है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों को केंद्रीय दर पर डीए मिलने की उम्मीद थी। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस संबंध में 15 मार्च को सुनवाई है। फिलहाल इस पर सबकी नजर है।
दूसरी ओर, डीए की मांग पर सरकारी कर्मचारियों का संगठन कोलकाता में धरना दे रहा है। कर्मचारियों का संगठन अनशन कर रहा है। कर्मचारियों बुधवार को बकाये डीए की मांग पर प्रदर्शन किया।
राज्य सरकार कर्मचारी बकाए डीए की मांग पर कर रहे हैं आंदोलन
वित्त राज्य मंत्री के डीए बढ़ोतरी की घोषणा के बाद अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमने सीमित संसाधनों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।” लेकिन सरकारी कर्मचारियों का एक तबका सरकारी संसाधनों के बारे में सोचना ही नहीं चाहता। डीए बढ़ाने की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारियों का एक वर्ग कोलकाता में कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इसमें भाग लेने वाले एक सरकारी कर्मचारी ने कहा, “यह देखना हमारा काम नहीं है कि बकाया डीए के लिए पैसा कहां से आएगा।वह सरकार चला रहे हैं। वह तय करेंगे कि पैसा कहां से आएगा। वह हमसे वोट मांगने आए थे। हमने उसे वोट दिया, लेकिन 2011 से हम महंगे भत्तों से जूझ रहे हैं। हम इस 3 प्रतिशत की वृद्धि को स्वीकार नहीं करते हैं। हम गुस्से में हैं। बजट में महंगाई भत्ते की कोई घोषणा नहीं की गई। इसकी घोषणा बाद में की गई। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। दूसरे ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। हम एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।”
गुरुवार को राज्य सरकारी करेंगी विरोध प्रदर्शन
दूसरी ओर, वाम संगठन समन्वय समिति के नेता विजयशंकर सिंह ने मीडिया से कहा, हम केंद्रीय दर पर डीए चाहते हैं। अभी 35 फीसदी बकाया है। यह जल्द ही 39 प्रतिशत हो जाएगा। महज 3 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा के बाद से सरकारी कर्मचारियों में गुस्सा बढ़ गया है।” भाजपा समर्थक कर्मचारी संघ का भी मानना है कि हड़ताल का आह्वान किया जाना चाहिए। सभी संगठनों के साथ एक संयुक्त आंदोलन चाहते हैं। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष देबाशीष शील ने कहा, “यह पूरी तरह भीख मांगना है।’ यह 3 प्रतिशत बकाया 6 प्रतिशत निकला। वह भी हम 32 फीसदी पीछे रहे। जो दिया जा रहा है उसका 10 गुना बकाया रह जाता है।” अदालत में डीए के मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”हमें उम्मीद है कि हम इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठा सकेंगे। राज्य सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट खारिज करेगा। अब समय आ गया है कि सभी सरकारी कर्मचारी संगठन एक साथ आन्दोलन में उतरें। अगर इस तरह की कोई पहल की जाती है तो हम इसमें शामिल होंगे। हड़ताल का आह्वान करने का समय आ गया है। कार्यालयों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। न्यू सेक्रेराटेरिए में कल (गुरुवार) विरोध का कार्यक्रम है।