पश्चिम बंगाल

सोना तस्करों के लिए कोलकाता बन गया है हब, व्यवसायों ने केंद्र से रोक की लगाई गुहार

सोना तस्करों के लिए कोलकाता बन गया है हब, व्यवसायों ने केंद्र से रोक की लगाई गुहार

सोना तस्करों के लिए कोलकाता बन गया है हब, व्यवसायों ने केंद्र से रोक की लगाई गुहार

(प्रसार संपादक शेखर गुप्ता)

सीमा शुल्क में बढ़ोतरी और जीएसटी के कारण सोने की कीमत बढ़ती जा रही है। इससे अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। कोलकाता का गोल्ड मार्केट तस्करी के सोने भर गया है।

स्थिति यह है कि बंगाल तस्करी के सोने के कारोबार के मामले में देश के शीर्ष तीन राज्यों की सूची में शामिल हो गया है। केरल, तमिलनाडु के बाद बंगाल का स्थान आ रहा है। तस्करी का सोना मुख्य रूप से बांग्लादेश और म्यांमार से कोलकाता पहुंच रहा है। तस्करों के लिए कोलकाता सोना तस्करी का हब बन चुका है।

अवैध रूप से सोना पहुंच रहा कोलकाता

हाल के दिनों में अवैध सोने की जब्ती कई गुना बढ़ी है। अब कोलकाता के कारोबारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से गुहार लगाई है। हाल के दिनों में कोलकाता से कस्टम, डीआरआइ और बीएसएफ में भारी मात्रा से तस्करी के सोना को जब्त किया है और गिरफ्तारियों में भी इजाफा हुआ है। बीएसएफ बांग्लादेश की सीमा पर विशेष रूप से निगरानी बढ़ा रखी है। इसके बावजूद सड़क, ट्रेन, हवाई और जल मार्गों से भी अवैध रूप से सोना कोलकाता पहुंच रहा है।

तस्करी के सोना और वैध रूप से खरीदे गए हर 10 ग्राम सोने की कीमत में करीब आठ से दस हजार रुपये का अंतर है। आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2020 में पश्चिम बंगाल में लगभग 222 किलोग्राम तस्करी के जरिए लाया गया सोना जब्त हुआ था। अगले दो साल में यह आंकड़ा क्रमश: 255 और 369 किलो तक पहुंच गया। यानी तस्करी बढ़ती जा रही है। यह सोना म्यांमार व बांग्लादेश के रास्ते बंगाल पहुंचा था।

2020 में ऐसे 86 मामले सामने आए। 2021 में यह संख्या बढ़कर 109 हो गई। पिछले साल यह 214 पर पहुंच गया था। हालांकि व्यवसायियों का कहना है कि यह आंकड़ा तो महज पीनट्स है, वास्तविक स्थिति और भी भयंकर है। बाजार में इतनी बड़ी मात्रा में अवैध सोना की तस्करी छोटे कारोबारियों को बर्बाद कर रहा है।

तस्करी के सोना से भर गया है कोलकाता का बाजार

सेव द गोल्ड इंडस्ट्री कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष समर दे का कहना है कि तस्करी का सोना बोझ बन रहा है। मैं कई बार केंद्रीय वित्त मंत्री को भी इस बारे में बता चुका हूं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हाल ही में बहूबाजार आए थे। हमने उनसे भी शिकायत की थी। आयात शुल्क, जीएसटी के साथ सोने पर 15 प्रतिशत कर लगता है। मौजूदा कीमत पर टैक्स के कारण करीब आठ लाख रुपये प्रति किलो चुकाना पड़ता है। यानी हर 10 ग्राम पर खरीदार को आठ हजार रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं।

यदि आप तस्करी का सोना खरीदते हैं, तो ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि जब वैट था तो सिर्फ एक प्रतिशथ टैक्स देना पड़ता था। अब यह तीन प्रतिशत है। हमारी मांग है कि सरकार उस दर को कम से कम 1.5 प्रतिशत करे। इसमें संतुलन बनेगा। अगर सोना कानूनी माध्यमों से आता है तो खरीदारों पर वित्तीय दबाव कम होता है और सरकार का राजस्व भी बढ़ता है। बंगाली गोल्डस्मिथ एसोसिएशन के महासचिव तोगरचंद्र पोद्दार ने भी कहा कि कानूनी रूप से सोना खरीदने और आभूषण बनाने वाले तस्करों का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं।

Akhand Live News 24x7

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button