नगर पंचायत निघासन में डॉ. इंद्रदेव त्रिपाठी की मनाई गई 10वी पुण्यतिथि
निघासन खीरी
निघासन क्षेत्र विकास मंच के संरक्षक समाजसेवी डॉ.इंद्रदेव त्रिपाठी ने निघासन को नगर पंचयात का दर्जा दिलाने को लेकर काफ़ी संघर्ष किया था।आज डा. इंद्रदेव त्रिपाठी की 10वी पुण्यतिथि निघासन नगर पंचायत भवन परिसर में मनाई गई। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष बद्री प्रसाद मौर्य
ने दीप प्रज्वलित कर डा.इंद्रदेव त्रिपाठी को भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित की।सिंगाही के पूर्व चेयरमैन उत्तम मिश्रा ने डॉक्टर त्रिपाठी के द्वारा किए गए कार्यों से उपस्थित जन को अवगत करवाया। डॉक्टर त्रिपाठी के बड़े पुत्र श्री कृष्ण त्रिपाठी ने निघासन का विकास किस तरह हो व उनके पिताजी के किस तरह के सपने थे इसके बारे में लोगों को बताया।इस कार्यक्रम का संचालन करते हुये अविनाश दीक्षित ने नम आंखों से डॉक्टर इंद्रदेव त्रिपाठी के व्यवहार और समाजसेवा के कार्यों को याद किया और बताया कि किस तरह से कार्य किया जाए जिससे डा.त्रिपाठी के द्वारा देखा निघासन के प्रति सुनहरा सपना पूरा हो सके इस पर अपनी बात रखी।जिला संयोजक भाजपा के वरिष्ठ नेता समाजसेवी देवेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने डॉक्टर साहब को याद करते हुए कहा ,”निघासन को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए बहुत मेहनत की उनके कृतित्व को भुलाया नहीं जा सकता है।”
भाजपा नेता विमल तिवारी डॉक्टर साहब से मित्रता के माध्यम से दिन रात मेहनत करके मुंसिफ कोर्ट,रोडवेज बस,रेलवे लाइन किस तरह पास करवाया इस पर चर्चा किया।निघासन क्षेत्र विकास मंच के अध्यक्ष ओमप्रकाश लोधी जी ने नम आंखों से बताया कि डा.साहब निघासन के बारे में कितनी चिंता करते थे।नगर पंचायत का दर्जा दिलवाने के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे।निघासन क्षेत्र विकास मंच के तत्कालीन संरक्षक समाजसेवी डॉ. इंद्रदेव त्रिपाठी ने निघासन के विकास के लिए काफी काम किया।
श्रीराम नगरी अयोध्या जिले के अकबरपुर थाना क्षेत्र के गांव टांडा निवासी डॉ. इंद्रदेव त्रिपाठी,पत्नी बिंदू त्रिपाठी, बड़े बेटे श्री कृष्ण त्रिपाठी, छोटे बेटे हरे कृष्ण त्रिपाठी, बेटियों ममता,सीमा ,रीमा और शिखा के साथ करीब 25 साल पहले निघासन आए थे। उन्होंने झंडी रोड पर अपना क्लीनिक खोला। निघासन के विकास के लिए सक्रिय रहे। स्वर्गीय डॉक्टर इंद्रदेव त्रिपाठी निघासन में समस्याओं का अंबार देखकर उन्हाेंने विकास को गति देने के लिए संघर्ष शुरू किया। प्रतिनिधि सभा का गठन कर लोगों को जोड़ा। इसके बाद उन्हाेंने निघासन जिला बनाओ संघर्ष समिति और निघासन क्षेत्र विकास मंच का भी गठन किया। वह निघासन को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने के लिए कई वर्षों से संघर्ष कर रहे थे। नगर पंचायत का दर्जा न मिलने से नाराज इंद्रदेव ने 30 जून को आत्मदाह करने की धमकी देते हुए एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा था।
निघासन को जिले का दर्जा दिलाने के लिए आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन भी किया था। क्षेत्र के लिए पूरी तरह समर्पित रहने वाले डॉक्टर त्रिपाठी ने अपने निजी खर्च से सारी लड़ाई लड़ी। इस लड़ाई को लड़ने के लिए जब धन की कमी पड़ी तो उन्होंने फैजाबाद में अपनी जमीन और कार बेच दी। समाजसेवा के आगे उन्होंने कभी अपने परिवार की परवाह नहीं की।इस अवसर पर जिला संयोजक देवेंद्र कुमार व ईओ दिनेश शुक्ला,अविनाश दीक्षित,शिवा पाल,सोनू गिरी,जाहिद हुसैन, नागेंद्र तिवारी ने,बुलंद गुप्ता,सुखदेव सिंह,सर्वजीत सिंह,संदीप कुमार बाथम,पूर्व प्रधान रामकुमार मौर्य,स्वर्गीय इंद्रदेव त्रिपाठी के पुत्र श्रीकृष्ण त्रिपाठी व साथ ही निघासन के सभासद मुन्ना यूनिक,विनोद कश्यप,पिंटू,असलम खान,उमेश मौर्य,अमित वर्मा,राजू गिरी व निघासन नगर पंचायत के लोग मौजूद रहे।